प्रेगनेंसी के दौरान हर महिला की चाहत होती है कि उसका बच्चा स्वस्थ, तंदुरुस्त और बुद्धिमान पैदा हो। जब एक महिला प्रेगनेंट होती है, तो उसके परिवार वाले और दोस्तों से अक्सर यही सुनने को मिलता है कि उसे सही और पौष्टिक आहार लेना चाहिए। प्रेगनेंसी में सही आहार न सिर्फ मां की सेहत के लिए जरूरी होता है, बल्कि बच्चे की ग्रोथ, विकास, और दिमागी क्षमता के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण होता है।
आज की नारी को हम बताइगे कि प्रेगनेंसी के दौरान कौन से फूड आइटम्स को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए ताकि आप निश्चिंत रहें कि आपका बच्चा न सिर्फ स्वस्थ होगा बल्कि उसका मानसिक विकास भी बेहतरीन होगा। ये टिप्स आपको सही दिशा में मदद करेंगे और आपको आहार से जुड़े कंफ्यूजन से बचाएंगे।
1. ड्राई फ्रूट्स का सेवन
ड्राई फ्रूट्स जैसे बादाम, अखरोट, किशमिश, अंजीर और खजूर प्रेगनेंसी में एक पावर पैक्ड फूड माने जाते हैं। ये न केवल प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स, और मिनरल्स से भरपूर होते हैं, बल्कि इनसे आपको फोलिक एसिड और आयरन भी मिलता है, जो बच्चे की ग्रोथ और मस्तिष्क के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर अखरोट बच्चे के यह मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं।
डेली सेवन की मात्रा: 5-10 बादाम, 1-2 अखरोट, 5-10 किशमिश, 1-2 अंजीर और 1-2 खजूर।
2. प्रोटीन युक्त दालें और लेग्यूम्स
दालें, मटर, सोयाबीन, मूंगफली जैसे लेग्यूम्स प्रोटीन, फोलेट, पोटैशियम, और मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं। यह आहार बच्चे के वजन को सही रखने और ग्रोथ में मदद करते हैं। सोयाबीन में उच्च मात्रा में प्रोटीन होता है, जो बच्चे के लिए अत्यंत आवश्यक है। अंकुरित मूंग और मोंठ भी प्रेगनेंसी के दौरान सेवन किए जा सकते हैं, जो आपकी सेहत और और यह आपके पाचन को बेहतर बनाए रखने में मदद करेगा।
डेली सेवन की मात्रा: एक कप दाल या अन्य लेग्यूम्स किसी भी रूप में (अंकुरित, उबली हुई या सूप)।
3. वेजिटेबल सूप और पालक
वेजिटेबल सूप या पालक जैसे हरी सब्जियों का सेवन प्रेगनेंसी में अत्यंत महत्वपूर्ण है। पालक आयरन, फोलेट, और मैग्नीशियम का एक अच्छा स्रोत है। इससे आपको कब्ज की समस्या से भी राहत मिलेगी, जो प्रेगनेंसी में आम होती है। साथ ही, वेजिटेबल सूप आपके पाचन को बेहतर बनाता है और आपके आहार में विविधता लाता है।
डेली सेवन की मात्रा: 10 चम्मच वेजिटेबल सूप (दोनों लंच और डिनर में)।
4. डेयरी प्रोडक्ट्स
डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही, पनीर, और छाछ कैल्शियम और प्रोटीन का प्रमुख स्रोत होते हैं। कैल्शियम बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए आवश्यक होता है। योगर्ट पाचन को सुधारने में भी मददगार होता है। अगर आपको दूध से एलर्जी है या इसे पचाने में समस्या होती है, तो दही या छाछ का सेवन कर सकते हैं।
डेली सेवन की मात्रा: दो कप दूध या दूध से बने उत्पाद जैसे दही और पनीर।
5. पर्याप्त पानी का सेवन
अब हम एक ऐसी महत्वपूर्ण चीज की बात करेंगे जिसे लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं, और वह है पानी। जी हां, प्रेगनेंसी के दौरान पानी का सही मात्रा में सेवन करना बेहद जरूरी है। गर्भावस्था में आपके शरीर का फ्लूड वॉल्यूम लगभग 45 -50% बढ़ जाता है, जिससे शरीर की पानी की आवश्यकता भी बढ़ जाती है। यदि आप नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी पीती हैं, तो आप कई समस्याओं से बच सकती हैं।
उदाहरण के लिए, गर्भ में बच्चे के चारों तरफ एमनियोटिक फ्लूइड (एमनियोटिक द्रव्य) की सही मात्रा बनाए रखने में पानी मदद करता है, जो बच्चे की सुरक्षा और विकास के लिए बेहद जरूरी है। अगर शरीर में पानी की कमी हो जाए, तो प्रेगनेंसी में जटिलताएं बढ़ सकती हैं, और गंभीर मामलों में बच्चे की गर्भ में मृत्यु भी हो सकती है।
पानी न केवल आपके शरीर को हाइड्रेटेड रखता है, बल्कि यह आपकी एनर्जी को बनाए रखने, ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने, संक्रमण को रोकने, और कब्ज की समस्या को कम करने में भी मदद करता है। इसलिए, दिन में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी जरूर पिएं, ताकि आपकी और आपके बच्चे की सेहत अच्छी बनी रहे।
प्रेगनेंसी के दौरान शरीर के फ्लूइड वॉल्यूम में लगभग 50% की वृद्धि होती है, जिससे आपके शरीर को अधिक पानी की जरूरत होती है। पानी की उचित मात्रा आपके ऊर्जा स्तर को बनाए रखने में मदद करती है, और साथ ही आपको कब्ज, यूरिनरी इंफेक्शन जैसी समस्याओं से भी बचाती है।
डेली सेवन की मात्रा: 2-3 लीटर पानी।
6. फलों का सेवन
फ्रूट्स, विशेषकर सीज़नल फल जैसे केला, सेब, संतरा, आम, अंगूर, और चीकू, आपके बच्चे के विकास के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। फलों में मौजूद विटामिन्स और फाइबर आपको स्वस्थ रखते हैं और पाचन को भी दुरुस्त रखते हैं। पपीता ओर पाईनेपल खाने से बचना चाहिए क्योंकि यह गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है।
डेली सेवन की मात्रा: 2-3 मौसमी फल (सीजनल फल अधिक फायदेमंद होते हैं)
7. अंडे और प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ
अंडे में उच्च मात्रा में प्रोटीन और आवश्यक विटामिन्स होते हैं, जो बच्चे की कोशिकाओं के निर्माण और वृद्धि में मदद करते हैं। अंडे का सेवन करने से शरीर में विटामिन डी की पूर्ति भी होती है, जो बच्चे की हड्डियों और दांतों के विकास के लिए जरूरी होता है।
डेली सेवन की मात्रा: एक से दो अंडे।
8. नारियल पानी और नींबू पानी
प्रेगनेंसी के दौरान नारियल पानी और नींबू पानी आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करते हैं और आपको हाइड्रेटेड रखते हैं। नारियल पानी में प्राकृतिक शुगर और मिनरल्स होते हैं, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं। नींबू पानी शरीर को डिटॉक्स करने और पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है।
डेली सेवन की मात्रा: एक गिलास नारियल पानी और एक गिलास नींबू पानी।
9. संतुलित और विविध आहार की अहमियत
प्रेगनेंसी के दौरान यह आवश्यक है कि आप संतुलित आहार का सेवन करें जिसमें सभी प्रमुख पोषक तत्व शामिल हों। प्रेगनेंसी में अधिक खाना जरूरी नहीं है, बल्कि सही पोषण का होना अधिक महत्वपूर्ण है। एक साथ अधिक खाने से बचें, और दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाएं ताकि पाचन अच्छा रहे और शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी न हो।
निष्कर्ष
प्रेगनेंसी के दौरान सही आहार का चयन न केवल आपके बच्चे की ग्रोथ और डेवलपमेंट के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि आपकी खुद की सेहत और ऊर्जा स्तर को बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है। ऊपर बताए गए आहारों को अपने दैनिक जीवन में शामिल करने से आपको और आपके बच्चे को सभी आवश्यक पोषक तत्व मिलेंगे। ध्यान रखें कि प्रेगनेंसी के दौरान संतुलित, पोषक तत्वों से भरपूर और विविध आहार लेना बहुत जरूरी है।
अगर आपको इसके अलावा कोई कन्फ्यूजन हो या कोई सवाल पूछना हो, तो कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर पूछें।आज की नारी की टीम आपकी मदद के लिए हमेशा तैयार है!