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प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता है? Abdominal pain During Pregancy

नमस्कार दोस्तों! आज के लेख का विषय एक आम समस्या है जिसका सामना गर्भवती महिलाएं करती हैं। बहुत सी महिलाएं इस पेट दर्द को लेकर बहुत चिंतित हो जाती हैं कि कहीं यह गर्भपात का संकेत तो नहीं है। उन्हें लगता है कि इसके बाद ब्लीडिंग होगी और मिसकैरेज या गर्भपात हो सकता है। तो आज मैं आपको विस्तार से बताने वाली हूं कि  प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द क्यों होता है? यह खिंचाव और दर्द सामान्य है या असामान्य? और अंत में प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द को कम करने की टिप्स  भी दूगी आइए, इस विषय पर विस्तार से चर्चा करें।

Table of Contents

प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द को कम करने के टिप्स की image

प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द कब और क्यों होता है?

जैसे-जैसे गर्भावस्था का चौथा या पांचवां महीना शुरू होता है, कुछ महिलाओं को तीसरे महीने में भी, और कुछ को सातवें महीने में इस क्षेत्र में दर्द और खिंचाव का अनुभव होता है।

 

यह दर्द अचानक शुरू होता है, जो कुछ सेकंड के लिए असहनीय हो सकता है और आपको उसी स्थिति में जकड़ा हुआ महसूस हो सकता है।

 

इस दर्द का अनुभव तब होता है जब आप करवट बदलते हैं, बिस्तर से उठते हैं, या कार में बैठते हैं।

 

कभी-कभी यह दर्द इतना असहनीय होता है कि आपको रोने का मन करता है और आप उसी स्थिति में कुछ समय के लिए ठहर जाते हैं।

प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द के कारण ? (why Abdominal pain During Pregancy? )

1.फिजियोलॉजिकल बदलाव – गर्भावस्था में आपके यूट्रस का साइज बढ़ रहा है और यूट्रस में ब्लड फ्लो बढ़ने की वजह से पेल्विक एरिया में ब्लड क्लॉट बन सकते हैं। इससे पेल्विक एरिया पर दबाव पड़ता है, जिससे पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस हो सकता है।

 

2. राउंड लिगामेंट स्ट्रेचिंग – यूट्रस को राउंड लिगामेंट्स द्वारा सहारा दिया जाता है। गर्भावस्था में यूट्रस का साइज बढ़ने के कारण ये लिगामेंट्स खिंचाव में आते हैं, जिससे पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। इससे पेल्विक बोन के जॉइंट्स और लिगामेंट्स में ढीलापन आ जाता है। जब आप हलचल करते हैं, जैसे उठते-बैठते हैं या करवट बदलते हैं, तो यह जॉइंट्स खिंचाव का अनुभव करते हैं जिससे दर्द होता है।

 

3. हार्मोनल बदलाव – प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन की बढ़ी हुई मात्रा की वजह से स्मूथ मसल्स रिलैक्स हो जाती हैं, जिससे आंतों की गति कम हो जाती है। इसके कारण कब्ज, गैस, या फुलावट की समस्या हो सकती है, जो पेट दर्द का एक कारण बनती है।

 

4. सेक्शुअल एक्टिविटी – गर्भावस्था के दौरान सेक्शुअल एक्टिविटी के समय यूट्रस और पेल्विक एरिया में ब्लड फ्लो बढ़ सकता है, जिससे एक-दो दिन तक पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द हो सकता है।

 

5. संक्रमण – वाइट डिसचार्ज, वजाइनल इंफेक्शन या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) की वजह से भी पेट के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। जैसे-जैसे यूट्रस का साइज बढ़ता है, यह ब्लैडर पर दबाव डाल सकता है, जिससे पेशाब पूरी तरह से खाली नहीं होती। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के चांस बढ़ जाते हैं।

 

6.साइटिका नामक दर्द  – इसके अलावा, कुछ महिलाओं को साइटिका नामक दर्द का भी अनुभव होता है, जो पीठ से शुरू होकर जांघों की ओर फैलता है। यह दर्द भी गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोनल परिवर्तन और ब्लड सप्लाई में अस्थायी कमी के कारण होता है।

 

7.दूसरी प्रेग्नेंसी में ज्यादा संभावना: अगर यह आपकी दूसरी प्रेग्नेंसी है, तो पहले से ही लिगामेंट्स कमजोर हो सकते हैं, जिससे दर्द की संभावना बढ़ जाती है।

 

8.डिलीवरी के समय जोड़ों का तनाव: प्रेगनेंसी के दौरान जो जोड़ों पर तनाव पड़ता है, वह आमतौर पर डिलीवरी के बाद ठीक हो जाता है। लेकिन कभी-कभी, अगर डिलीवरी के दौरान अधिक दबाव पड़ा हो, तो इस दर्द में समय लग सकता है ठीक होने में।

 

9.गैस और कब्ज: प्रेगनेंसी के दौरान गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम धीमा हो जाता है, जिससे गैस और कब्ज की समस्या हो सकती है।

प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द का जोखिम कब होता है?

दर्द के जोखिम अधिक होते हैं यदि यह आपकी दूसरी या तीसरी गर्भावस्था है, आपकी उम्र 30 से 50 के बीच है, या यदि आठवें या नौवें महीने में बच्चे का वज़न अधिक है।

 

आपको कब चिंता करनी चाहिए:

 

अगर दर्द के साथ ब्लीडिंग हो रही है, ब्लड क्लॉट्स आ रहे हैं, या दर्द लगातार और गंभीर है, तो यह मिसकैरेज का संकेत हो सकता है।

 

अगर दर्द एक साइड में हो रहा है या बहुत ज्यादा है, हल्की ब्लीडिंग के साथ चक्कर आ रहे हैं, या बेहोशी महसूस हो रही है, तो यह एक एक्टोपिक प्रेगनेंसी का संकेत हो सकता है, जो एक मेडिकल इमरजेंसी है।

 

अगर बार-बार पेशाब हो रही है, पेशाब में जलन है, या फीवर के साथ दर्द हो रहा है, तो यह UTI का संकेत हो सकता है, जिसके लिए आपको तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।

 

डॉक्टर की सलाह : अगर ऐसे कारण होते हो तो अपने गाइनेकोलॉजिस्ट से सलाह लें। डॉक्टर आपकी हिस्ट्री और जांच के आधार पर बताएंगे कि दर्द का असली कारण क्या है।

प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द को कम करने के टिप्स

1. आराम करें: बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत न करें। शरीर को आराम देने के लिए पर्याप्त नींद लें।

 

2. पैरों को साथ रखें: करवट बदलते समय या उठते-बैठते समय अपने पैरों को साथ में रखें। उन्हें एक साथ हिलाने की कोशिश करें।

 

3. सही तरीके से उठें-बैठें: कार में बैठते समय पहले अपनी कमर को सीधा रखें और फिर धीरे-धीरे दोनों पैरों को एक साथ रखें।

 

4. टाइट सपोर्ट बेल्ट का उपयोग करें: कुछ देशों में “सिम्फिसिस प्यूबिक डिसफंक्शन बेल्ट” मिलती है, जो पैरों को एक साथ रखने में मदद करती है।

 

5. फिजिकल थेरेपी: डॉक्टर की सलाह पर फिजिकल थेरेपी ले सकती हैं। यह आपको दर्द को कम करने में मदद कर सकती है।

 

6. मेडिटेशन और रेस्ट: दर्द को कम करने के लिए मेडिटेशन और शांतिपूर्ण गतिविधियों का सहारा लें। यह मन को शांत रखेगा।

 

7. पेन किलर से बचें: कोशिश करें कि दर्द के लिए सामान्य पेन किलर्स का उपयोग न करें, जब तक कि डॉक्टर न कहें।

 

8. सप्लीमेंट : कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लीमेंट लें।

 

9.धूप में चलें : आधे से एक घंटे धूप में चलें ताकि कैल्शियम अच्छे से अवशोषित हो सके।

 

10.ठंडा या गर्म पैक : स्थानीय रूप से ठंडा या गर्म पैक लगाकर दर्द को कम करें।

 

11. एब्डोमिनल बैंडेज : गर्भावस्था के दौरान पेट के बढ़ते वज़न के लिए एब्डोमिनल बैंडेज का उपयोग करें।

 

12. समतोल आहार : दूध, केले, पनीर, अंडे, और नॉन-वेज जैसे आहार का सेवन करें ।आपको थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बार-बार खाना चाहिए, एक समय में बहुत अधिक नहीं खाना चाहिए। फाइबर युक्त भोजन का सेवन करें और भरपूर पानी पिएं।

 

13. योग : नियमित एक्सरसाइज या योग करें और पर्याप्त आराम लें।

 

14. हाइड्रेटेड रहें: खूब पानी पिएं और फलों के जूस का सेवन करें। इससे गैस की समस्या में राहत मिलेगी।

 

15.  गर्म पानी से नहाएं: हल्के गर्म पानी से नहाना और पेट पर हल्का गर्म पैड रखना आराम दिला सकता है।

 

16.प्रॉपर पोजिशन में सोएं: बाईं ओर करवट लेकर सोने से पेट के निचले हिस्से के दर्द में राहत मिल सकती है।

सावधानी

मसाज का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करें, क्योंकि कभी-कभी यह दर्द को बढ़ा सकता है।

अपने आप को डिप्रेशन में न जाने दें, यह एक सामान्य अवस्था है और कुछ समय के बाद ठीक हो जाती है। प्रेगनेंसी में पेट के निचले हिस्से में दर्द    यह दर्द अस्थायी है और जैसे ही प्रसव हो जाता है, यह अपने आप ठीक हो जाता है।  

निष्कर्ष

गर्भावस्था के दौरान निचले पेट में दर्द एक सामान्य समस्या है।यह अस्थायी है और प्रसव के बाद अपने आप ठीक हो जाता है।

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